Dholl Puri
धोल पुरी, एक प्रसिद्ध मॉरीशियाई व्यंजन है जो अपनी खासियत और स्वाद के लिए जाना जाता है। यह एक प्रकार का तला हुआ चपाती है, जिसे मुख्य रूप से दाल और अन्य सामग्री से भरा जाता है। इसकी उत्पत्ति भारतीय प्रवासियों से हुई है, जिन्होंने अपने साथ भारतीय रेसिपीज और खान-पान की संस्कृति को मॉरीशस में लाया। धोल पुरी विशेष रूप से उस समय लोकप्रिय हुआ जब भारतीय श्रमिकों ने चाय बागानों में काम करना शुरू किया और अपनी पारंपरिक खाद्य सामग्री को बनाए रखा। धोल पुरी का स्वाद अद्वितीय और समृद्ध होता है। इसकी बाहरी परत कुरकुरी होती है, जबकि अंदर की भराई नरम और सुगंधित होती है। यह आमतौर पर दाल (चने की दाल) से भरी जाती है, जिसे मसालों के साथ पकाया जाता है। जब इसे तला जाता है, तो यह एक सुनहरे भूरे रंग की होती है और इसका स्वाद एकदम लाजवाब होता है। इसे आमतौर पर चटनी, अचार और सलाद के साथ परोसा जाता है, जो इसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है। धोल पुरी की तैयारी में मुख्य सामग्री चने की दाल, आटा, और विभिन्न मसाले होते हैं। सबसे पहले, चने की दाल को भिगोकर उबाला जाता है और फिर इसे मसालों जैसे कि जीरा, धनिया, हल्दी, और मिर्च के साथ मिलाया जाता है। इसके बाद, आटे को गूंथकर छोटे-छोटे गोले बनाए जाते हैं। इन गोले को बेलकर, दाल की भराई की जाती है और फिर इसे तले जाने के लिए गर्म तेल में डाल दिया जाता है। तली हुई धोल पुरी को कुरकुरी सुनहरी रंगत तक पकाया जाता है। धोल पुरी का इतिहास और इसके सांस्कृतिक महत्व इसे मॉरीशस में खास बनाता है। यह न केवल एक नाश्ता है, बल्कि यह मॉरीशियाई संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा भी है। इसे खास अवसरों जैसे त्योहारों और समारोहों में बनाया जाता है, और यह परिवारों के बीच एकजुटता का प्रतीक है। मॉरीशस में धोल पुरी का सेवन न केवल मुख्य भोजन के रूप में किया जाता है, बल्कि इसे नाश्ते और शाम की चाय के साथ भी परोसा जाता है। इसकी लोकप्रियता इसे न केवल स्थानीय लोगों के बीच बल्कि पर्यटकों के बीच भी आकर्षित करती है। धोल पुरी की यह खासियत है कि यह एक साधारण लेकिन समृद्ध व्यंजन है, जो हर किसी के दिल को छू लेता है।
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