brand
Home
>
Sri Lanka
>
Kandy District
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4

Kandy District

Kandy District, Sri Lanka

Overview

कांडी जिला, श्रीलंका का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जो देश के मध्य पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। यह जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और अनोखी परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। कांडी की घाटियों, चाय बागानों और पहाड़ों की अद्भुत दृश्यावलियों के साथ, यह स्थान उन पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य है जो अद्वितीय अनुभव की तलाश में हैं। यहाँ का वातावरण शांत और आमंत्रित करने वाला है, जहाँ आप प्रकृति की गोद में खो सकते हैं।

कांडी का सबसे प्रसिद्ध स्थल सिद्धार्था बुद्ध का मंदिर (दानोवेलु मंदिर) है, जो बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह मंदिर, जो बुद्ध के एक दांत को सुरक्षित रखता है, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का प्रतीक है। यहाँ हर साल होने वाले पेराहेरा उत्सव में हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं, जहाँ रंगीन परेड, नृत्य और संगीत का आनंद लिया जाता है। यह उत्सव न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक है, जो क्षेत्र की विविधता और जीवंतता को दर्शाता है।

कांडी का रॉयल बॉटैनिकल गार्डन एक और आकर्षण है, जो अपनी भव्यता और विभिन्न प्रजातियों के पौधों के लिए जाना जाता है। यहाँ आपको विभिन्न प्रकार की फूलों की बगिया, औषधीय पौधों का संग्रह और रॉयल गार्डन की समृद्धि का अनुभव होता है। यह स्थान नैतिकता और शांति का प्रतीक है, जहाँ पर्यटक आराम कर सकते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

स्थानीय संस्कृति में कांडी नृत्य एक अनिवार्य हिस्सा है। यह पारंपरिक नृत्य, जो विशेष रूप से धार्मिक अवसरों पर प्रस्तुत किया जाता है, रंगीन पोशाक और अद्वितीय संगीत के साथ होता है। स्थानीय लोग अपनी परंपराओं को बड़े गर्व के साथ मनाते हैं और पर्यटकों को इस संस्कृति का हिस्सा बनने का मौका देते हैं।

कांडी जिला न केवल अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, बल्कि यहाँ की चाय की बागानें भी विश्व प्रसिद्ध हैं। चाय उत्पादन यहाँ की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और पर्यटक चाय बागानों की यात्रा कर सकते हैं, जहाँ वे चाय बनाने की प्रक्रिया को समझ सकते हैं और ताजा चाय का स्वाद ले सकते हैं।

इस प्रकार, कांडी जिला एक ऐसा स्थान है जहाँ इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत मेल मिलता है। यहाँ की हर गली और हर कोना एक कहानी कहता है, जो किसी भी विदेशी यात्री को मंत्रमुग्ध कर सकता है।

How It Becomes to This

कांडी जिला, श्रीलंका का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जो अपनी समृद्ध विरासत और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र का इतिहास प्राचीन काल से लेकर आज तक कई महत्वपूर्ण घटनाओं और स्थानों से भरा हुआ है।

प्राचीन काल में, कांडी का क्षेत्र श्रीलंका के महत्वपूर्ण राजाओं का निवास स्थान था। यहाँ के राजा, विशेष रूप से सिंहली राजवंश, ने इस क्षेत्र की संस्कृति और धर्म को आकार दिया। कांडी का नाम मुख्यतः कांडी राजवंश से जुड़ा हुआ है, जिसने 15वीं शताब्दी के अंत से 19वीं शताब्दी के मध्य तक इस क्षेत्र पर शासन किया।

कांडी का ऐतिहासिक महत्व उस समय और भी बढ़ गया जब यहाँ पर बुद्ध की दांत की पवित्र reliquary रखी गई। इसे दंत द्रव्य कहा जाता है और यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र है। यह स्थान दालदा मालिगावा के नाम से जाना जाता है, जो आज भी यात्रियों और भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

16वीं से 19वीं शताब्दी के बीच, कांडी ने औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ संघर्ष किया। जब पुर्तगालियों ने श्रीलंका पर कब्जा करना शुरू किया, तो कांडी के राजा ने स्वतंत्रता की रक्षा के लिए युद्ध किया। इसके बाद, डचों ने भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अंततः, ब्रिटिश साम्राज्य ने 1815 में कांडी पर कब्जा कर लिया और इसे एक उपनिवेश बना दिया।

कांडी की संस्कृति, जो बौद्ध धर्म और हिंदू परंपराओं का मिश्रण है, आज भी यहाँ की कला, संगीत और नृत्य में दिखाई देती है। कांडी नृत्य एक प्रसिद्ध कला रूप है, जो यहाँ के सांस्कृतिक समारोहों का अभिन्न हिस्सा है।

कांडी का पवित्र शहर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह UNESCO की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है। यहाँ के वास्तुकला और स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने, जैसे कि बुद्ध के दांत का मंदिर, हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

पश्चिमी काल की शुरुआत के साथ, कांडी ने कई सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों का सामना किया। यहाँ की अर्थव्यवस्था चाय, कॉफी और मसालों की खेती पर निर्भर थी। आज, कांडी की चाय बागानें विश्व प्रसिद्ध हैं और यहाँ के चाय उत्पाद विशेष रूप से किम्बुलवेल्ला और हिल्टन क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं।

कांडी के वार्षिक पवित्र दालदा पेरेहेरा, जो अगस्त के महीने में आयोजित होता है, एक शानदार उत्सव है जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जो यहां के लोगों की धरोहर को दर्शाता है।

कांडी का प्राकृतिक सौंदर्य भी इसे एक अद्वितीय गंतव्य बनाता है। कांडी झील, जो शहर के केंद्र में स्थित है, पर्यटकों के लिए एक शांतिपूर्ण स्थान है। यहाँ की शांत जलधारा और चारों ओर का हरा-भरा वातावरण, यात्रियों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।

कांडी बोटैनिकल गार्डन, जो यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का एक और उदाहरण है, 1470 में स्थापित किया गया था। इसमें विभिन्न प्रकार के पौधे, फूल और औषधीय वनस्पतियाँ हैं। यह स्थान न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि शोधकर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।

कांडी का इतिहास हमें यह समझाता है कि यह क्षेत्र केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह एक जीवित इतिहास है जो अपने में अनेक कहानियाँ समेटे हुए है। यहाँ के लोग, उनके रीति-रिवाज़, और उनकी सांस्कृतिक धरोहर, सभी इस क्षेत्र को एक अद्वितीय पहचान देते हैं।

कांडी का कला और शिल्प भी यहाँ के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ पर हस्तशिल्प का काम, जैसे कि लकड़ी की नक्काशी और सिल्क बुनाई, बड़े पैमाने पर किया जाता है। ये वस्त्र और शिल्प कला न केवल स्थानीय बाजारों में बिकते हैं, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुके हैं।

आधुनिक काल में, कांडी ने पर्यटन के क्षेत्र में काफी विकास किया है। यहाँ के होटल, रेस्तरां और अन्य सुविधाएँ यात्रियों को एक आरामदायक अनुभव प्रदान करती हैं। इसके अलावा, यहाँ की स्थानीय संपदा और संस्कृति का संरक्षण भी किया जा रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इसे अनुभव कर सकें।

इस प्रकार, कांडी जिला एक ऐसा स्थल है जो प्राचीन इतिहास और आधुनिकता का समागम प्रस्तुत करता है। यहाँ की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य, सभी मिलकर इसे एक अद्वितीय यात्रा गंतव्य बनाते हैं। यदि आप श्रीलंका की यात्रा कर रहे हैं, तो कांडी का दौरा करना न भूलें।

Historical representation

Discover More Area

Delve into more destinations within this state and uncover hidden gems.