Wiener Schnitzel
वियना स्निट्ज़ेल, जिसे जर्मनी और ऑस्ट्रिया की पारंपरिक डिश के रूप में जाना जाता है, एक प्रसिद्ध व्यंजन है जो अपने कुरकुरे और सुनहरे रंग के टुकड़ों के लिए जाना जाता है। इसका इतिहास 19वीं सदी के मध्य से जुड़ा हुआ है, जब यह व्यंजन ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में लोकप्रिय हुआ। इसके पीछे की कहानियों में से एक यह भी है कि यह व्यंजन इटली के 'कोटोलेटा' से प्रभावित है, जिसे ऑस्ट्रियाई सैनिकों ने अपने देश वापस लाया। हालांकि इसकी उत्पत्ति पर विवाद है, लेकिन यह निश्चित है कि वियना स्निट्ज़ेल ने जर्मन-भाषी देशों में एक विशेष स्थान बना लिया है। वियना स्निट्ज़ेल का मुख्य सामग्री पतले कटे हुए गोश्त पर आधारित होता है, जिसे आमतौर पर बकरा या पोर्क के मांस से बनाया जाता है। इसे पहले आटा, अंडा और ब्रेडक्रंब के मिश्रण में लपेटा जाता है, जो इसे कुरकुरी परत देता है। स्निट्ज़ेल को सुनहरा और कुरकुरा बनाने के लिए इसे गर्म घी या मक्खन में तलना आवश्यक होता है। तले हुए स्निट्ज़ेल को अक्सर नींबू के टुकड़ों और पार्सले
How It Became This Dish
वियना श्निट्ज़ेल का इतिहास परिचय वियना श्निट्ज़ेल, जिसे आमतौर पर श्निट्ज़ेल के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध जर्मन-ऑस्ट्रियाई व्यंजन है, जो पूरी दुनिया में अपने स्वाद और कुरकुरेपन के लिए जाना जाता है। यह व्यंजन विशेष रूप से भुने हुए मांस के टुकड़ों से बनाया जाता है, जिन्हें breadcrumbs में लपेटा जाता है और सुनहरा होने तक तला जाता है। आइए, इसके इतिहास, सांस्कृतिक महत्व और समय के साथ इसके विकास को जानें। उत्पत्ति वियना श्निट्ज़ेल की उत्पत्ति को लेकर कई कहानियाँ प्रचलित हैं। हालांकि, यह माना जाता है कि इसका जन्म ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में हुआ। इसे पहली बार 19वीं सदी में लोकप्रियता मिली, लेकिन इसकी जड़ें इटालियन व्यंजन "कोटलेट" में पाई जाती हैं। कोटलेट एक प्रकार का मांस है जिसे breadcrumbs में लपेटा जाता है और तला जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वियना श्निट्ज़ेल की परंपरा उस समय शुरू हुई जब इटालियन कुक्स ने ऑस्ट्रिया में अपने व्यंजन पेश किए। प्रारंभ में, यह व्यंजन मुख्य रूप से धनी वर्ग के लिए था, लेकिन धीरे-धीरे यह सभी वर्गों के बीच लोकप्रिय हो गया। संस्कृतिक महत्व वियना श्निट्ज़ेल न केवल एक व्यंजन है, बल्कि यह ऑस्ट्रियाई संस्कृति और पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह व्यंजन विशेष अवसरों, त्योहारों और पारिवारिक समारोहों में प्रमुखता से पेश किया जाता है। इसके साथ अक्सर आलू का सलाद, तोरी और नींबू का टुकड़ा परोसा जाता है, जो इसे और भी स्वादिष्ट बनाता है। वियना श्निट्ज़ेल का एक खास महत्व है क्योंकि यह ऑस्ट्रियाई व्यंजनों की विशेषता को दर्शाता है। यह न केवल भोजन का आनंद लेने का एक तरीका है, बल्कि यह समाज में मेलजोल और खुशी का प्रतीक भी है। इसके अलावा, यह जर्मन और ऑस्ट्रियाई संस्कृति के बीच के संबंधों को भी दर्शाता है, जो इतिहास में काफी गहरे हैं। विकास का समय 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, वियना श्निट्ज़ेल ने वैश्विक पहचान हासिल की। इसे विभिन्न देशों में अपनाया गया, जहाँ इसे स्थानीय सामग्रियों और व्यंजनों के अनुसार संशोधित किया गया। उदाहरण के लिए, इटली में इसे "cotoletta" कहा जाता है, जबकि अमेरिका में इसे "fried cutlet" के रूप में जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, वियना श्निट्ज़ेल ने एक बार फिर से अपनी पहचान बनाई। जब ऑस्ट्रियाई प्रवासी विभिन्न देशों में गए, उन्होंने अपने देश के व्यंजनों को वहां फैलाया। इस प्रकार, श्निट्ज़ेल का स्वरूप विभिन्न संस्कृतियों और रेसिपीज़ में शामिल हो गया। वर्तमान समय में वियना श्निट्ज़ेल आज, वियना श्निट्ज़ेल एक अंतरराष्ट्रीय व्यंजन बन गया है। विभिन्न रेस्तरां और फास्ट फूड चेन इसे अपने मेन्यू में शामिल करते हैं। इसके अलावा, इस व्यंजन की विशेषता को बनाये रखने के लिए कई प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं, जहाँ शेफ अपने विशेष नुस्खों के साथ इस व्यंजन को प्रस्तुत करते हैं। निष्कर्ष वियना श्निट्ज़ेल का इतिहास न केवल एक व्यंजन का इतिहास है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है। यह ऑस्ट्रियाई और जर्मन संस्कृति का प्रतीक है, जिसने समय के साथ खुद को विकसित किया है। इसके कुरकुरेपन और स्वाद ने इसे एक अद्वितीय स्थान दिलाया है, जो न केवल ऑस्ट्रिया में, बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। इस प्रकार, वियना श्निट्ज़ेल एक ऐसा व्यंजन है जो न केवल हमारे तालू को संतुष्ट करता है, बल्कि हमें इतिहास, संस्कृति और समाज के बारे में भी सोचने पर मजबूर करता है। यह एक यादगार अनुभव है जो हर एक बाइट के साथ हमारे दिलों को छूता है।
You may like
Discover local flavors from Germany