Cornish Cream Tea
कॉर्निश क्रीम चाय (Cornish Cream Tea) एक प्रसिद्ध ब्रिटिश व्यंजन है, जो विशेष रूप से इंग्लैंड के कॉर्नवॉल क्षेत्र में लोकप्रिय है। इसका इतिहास 11वीं शताब्दी तक जाता है, जब कॉर्नवॉल में चाय पीने की परंपरा शुरू हुई। कहा जाता है कि यह व्यंजन साधारण चाय के साथ बिस्किट और क्रीम के संयोजन से विकसित हुआ। 19वीं शताब्दी में, जब कॉर्नवॉल में पर्यटन बढ़ा, तब कॉर्निश क्रीम चाय ने अपनी पहचान बनाई और यह एक लोकप्रिय स्नैक बन गया। कॉर्निश क्रीम चाय की मुख्य विशेषता इसकी अद्वितीय स्वाद है। इस व्यंजन में ताजा बेक्ड स्कॉन्स, क्रीम और जाम का संयोजन होता है। स्कॉन्स हल्के और फुलके होते हैं, जो बटर या क्रीम के साथ बेहद स्वादिष्ट लगते हैं। क्रीम की मोटी परत और मीठे जाम का स्वाद इस चाय को और भी लजीज बनाता है। आमतौर पर, कॉर्निश क्रीम चाय को गर्म या ठंडी चाय के साथ परोसा जाता है, जो इसे एक संपूर्ण चाय टाइम अनुभव प्रदान करता है। कॉर्निश क्रीम चाय के तैयार करने की विधि भी बेहद सरल है। पहले, स्कॉन्स को आटा, बेकिंग पाउडर, चीनी, नमक और मक्खन को मिलाकर बनाया जाता है। इसके बाद, दूध या क्रीम मिलाकर आटा गूंथ लिया जाता है और छोटे गोल आकार में काटकर ओवन में बेक किया जाता है। जब स्कॉन्स सुनहरे भूरे रंग के हो जाते हैं, तो उन्हें बाहर निकालकर ठंडा होने दिया जाता है। इसके बाद, ताजे जाम और क्रीम के साथ परोसा जाता है। क्रीम का चयन भी इस व्यंजन के अनुभव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होता है। कॉर्निश क्रीम चाय में पारंपरिक रूप से 'क्लॉटेड क्रीम' का उपयोग किया जाता है, जो कि एक गाढ़ी और मलाईदार क्रीम है। यह क्रीम स्कॉन्स पर लगाने के लिए आदर्श होती है, क्योंकि यह जाम के साथ अच्छी तरह से मिलती है और एक समृद्ध स्वाद प्रदान करती है। कॉर्निश क्रीम चाय न केवल एक स्वादिष्ट स्नैक है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक अनुभव भी है। इसे आमतौर पर दोपहर के समय चाय के साथ परोसा जाता है, और यह कई सामाजिक अवसरों का हिस्सा होती है। इस व्यंजन का आनंद लेना केवल खाने का अनुभव नहीं, बल्कि यह कॉर्नवॉल की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
How It Became This Dish
कॉर्निश क्रीम टी: एक स्वादिष्ट इतिहास कॉर्निश क्रीम टी, एक पारंपरिक ब्रिटिश नाश्ता, विशेष रूप से कॉर्नवॉल क्षेत्र में लोकप्रिय है। यह एक विशिष्ट चाय का अनुभव है जिसमें सॉफ्ट स्कॉन्स, क्रीम और मुरब्बा शामिल होते हैं। इस विशेष खाद्य पदार्थ का इतिहास न केवल इसके स्वाद में है, बल्कि यह कॉर्नवॉल की संस्कृति और परंपराओं से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। उत्पत्ति कॉर्निश क्रीम टी का इतिहास 11वीं शताब्दी तक जाता है, जब कॉर्नवॉल में दूध और क्रीम का उत्पादन बढ़ा। उस समय, स्थानीय लोग ताजे दूध से बनी दही और क्रीम का सेवन करते थे। हालांकि, स्कॉन्स का विकास 18वीं शताब्दी में हुआ। यह वह समय था जब इंग्लैंड में चाय पीने की आदत प्रचलित हो रही थी। कॉर्निश क्रीम टी की उत्पत्ति का संबंध उस समय की शाही अदालतों और उच्च वर्ग के लोगों से है, जिन्होंने चाय के साथ विभिन्न प्रकार के मिठाई और नाश्ते का आनंद लेना शुरू किया। क्रीम की परंपरा कॉर्निश क्रीम टी में क्रीम का विशेष स्थान है। इसे सामान्यतः 'कॉर्निश क्रीम' कहा जाता है, जो कि मोटी और समृद्ध होती है। इसे ताजे दूध से तैयार किया जाता है और इसे आमतौर पर स्कॉन्स पर लगाने के लिए उपयोग किया जाता है। कॉर्निश क्रीम टी की एक विशेषता यह है कि यहाँ क्रीम को पहले स्कॉन्स पर रखा जाता है और फिर उसके ऊपर मुरब्बा (आम तौर पर स्ट्रॉबेरी या रास्पबेरी) लगाया जाता है। यह इस क्षेत्र में एक विवाद का विषय बना हुआ है, क्योंकि कुछ लोग मानते हैं कि मुरब्बा पहले आना चाहिए, जबकि अन्य क्रीम को पहले रखते हैं। यह बहस आज भी जारी है और यह कॉर्निश पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सांस्कृतिक महत्व कॉर्निश क्रीम टी केवल एक नाश्ता नहीं है; यह कॉर्नवॉल की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। यह स्थानीय त्योहारों, समारोहों और पारिवारिक मिलनों का अभिन्न हिस्सा है। कॉर्नवॉल में, इसे केवल एक साधारण चाय के समय में नहीं बल्कि खास अवसरों जैसे शादी, जन्मदिन, और अन्य समारोहों के दौरान भी परोसा जाता है। कॉर्निश क्रीम टी का सेवन करते समय, लोग इसे एक सामूहिक अनुभव के रूप में लेते हैं। यह न केवल खाने का एक तरीका है, बल्कि यह सामाजिकता का भी प्रतीक है। परिवार और दोस्तों के साथ बैठकर कॉर्निश क्रीम टी का आनंद लेना एक परंपरा बन गई है, जो लोगों को एक साथ लाती है और उन्हें एक-दूसरे के साथ समय बिताने का अवसर देती है। विकास और आधुनिकता 20वीं शताब्दी के मध्य में, कॉर्निश क्रीम टी ने एक नया मोड़ लिया। जब पर्यटन ने कॉर्नवॉल में प्रवेश किया, तो यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक लोकप्रिय आकर्षण बन गया। कई चाय की दुकानों और कैफे ने कॉर्निश क्रीम टी को मेनू में शामिल किया, जिससे इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई। आजकल, कॉर्निश क्रीम टी का आनंद लेने के लिए विशेष चाय की दुकानों और रेस्तरां का एक विशाल नेटवर्क है। यहाँ तक कि कई होटल और रिसॉर्ट भी इसे अपने मेनू में शामिल करते हैं। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि विदेशियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बन गया है। कॉर्निश क्रीम टी का तैयार करने का तरीका कॉर्निश क्रीम टी का एक विशेष तरीका है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले स्कॉन्स तैयार किए जाते हैं। स्कॉन्स को आमतौर पर आटा, दूध, बटर और बेकिंग पाउडर से बनाया जाता है। इन्हें ओवन में सुनहरा भूरा होने तक बेक किया जाता है। इसके बाद, क्रीम और मुरब्बा तैयार किया जाता है। कॉर्निश क्रीम को हल्का सा फेंटकर स्कॉन्स पर लगाया जाता है। इसके बाद, ताजे मुरब्बे को ऊपर से डाला जाता है। अंत में, चाय को एक अच्छे कप में तैयार किया जाता है। चाय के साथ, ये सभी तत्व मिलकर कॉर्निश क्रीम टी का अद्भुत अनुभव प्रदान करते हैं। निष्कर्ष कॉर्निश क्रीम टी न केवल एक साधारण नाश्ता है, बल्कि यह कॉर्नवॉल की सांस्कृतिक पहचान, परंपरा और सामाजिकता का प्रतीक है। इसका इतिहास, विकास और सांस्कृतिक महत्व इस खाद्य पदार्थ को विशेष बनाते हैं। चाहे आप इसे अपने परिवार के साथ घर पर बनाएं या किसी कॉर्निश चाय की दुकान में जाएं, कॉर्निश क्रीम टी का अनुभव हमेशा यादगार रहेगा। इस प्रकार, कॉर्निश क्रीम टी एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो न केवल आपके स्वाद को लुभाता है, बल्कि आपको एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति से भी जोड़ता है। यह एक ऐसा अनुभव है जो आपको कॉर्नवॉल की खूबसूरती और स्थानीय जीवनशैली के बारे में बताता है।
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