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Octopus Curry (Kalimarse Kari)

Octopus Curry

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कलिमारसे करी, मॉरिशस का एक विशेष व्यंजन है जो अपने अनोखे स्वाद और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। यह व्यंजन मुख्य रूप से समुद्री खाने के शौकीनों के बीच लोकप्रिय है और इसकी जड़ें भारतीय, अफ्रीकी और फ्रेंच कुकिंग ट्रडिशंस में मिलती हैं। यह करी विशेष रूप से गोताखोरी के दौरान ताजे समुद्री भोजन के पकड़े जाने पर तैयार की जाती है। कलिमारसे करी का मुख्य तत्व है 'कलिमार', जो एक प्रकार का समुद्री जीव है, जिसे आमतौर पर 'स्क्विड' कहा जाता है। इसके अलावा, इस करी में कई प्रमुख सामग्री शामिल होती हैं जैसे प्याज, टमाटर, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, और विभिन्न मसाले जैसे हल्दी, धनिया पाउडर, और जीरा। इन सामग्रियों का संयोजन इसे एक अद्वितीय और समृद्ध स्वाद देता है। करी को तैयार करते समय, सबसे पहले प्याज़ और लहसुन को तलकर सुनहरा किया जाता है, फिर टमाटर और मसाले मिलाए जाते हैं, जिससे एक सुगंधित बेस तैयार होता है। इसके बाद, ताजे कलिमार को इसमें डालकर अच्छी तरह से पकाया जाता है। इस करी का स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है। इसमें मसालों की तीखापन के साथ-साथ समुद्री जीवों की मिठास का एक अनोखा संतुलन होता है। यह करी थोड़ी तैलीय होती है और इसे चावल या रोटी के साथ परोसा जाता है। मॉरिशस में इसे आमतौर पर चावल के साथ खाया जाता है, जो इसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है। इस व्यंजन की विशेषता यह है कि इसे हर परिवार अपनी पारिवारिक परंपराओं के अनुसार थोड़ा बदलकर बनाता है, जिससे हर बार एक नया अनुभव मिलता है। कलिमारसे करी की तैयारी में समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। इसे धीमी आंच पर पकाया जाता है ताकि सभी स्वाद एक-दूसरे में मिल जाएं। इसका इतिहास भी बहुत दिलचस्प है, क्योंकि यह विभिन्न संस्कृतियों के प्रभाव से विकसित हुआ है। मॉरिशस में भारतीय प्रवासियों ने इसे अपने घरों में बनाना शुरू किया, और धीरे-धीरे यह स्थानीय संस्कृति का हिस्सा बन गया। आजकल, यह व्यंजन न केवल स्थानीय लोगों के बीच, बल्कि पर्यटकों के बीच भी बहुत लोकप्रिय है, जो मॉरिशस की समृद्ध पाक विरासत का अनुभव करना चाहते हैं। कलिमारसे करी एक ऐसा व्यंजन है जो न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि इसके पीछे की कहानी भी इसे और खास बनाती है। यह मॉरिशस की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसे हर कोई एक बार अवश्य चखना चाहता है।

How It Became This Dish

कालीमार्स करी: एक अद्भुत खाद्य इतिहास उद्भव कालीमार्स करी, मॉरिशस की एक विशेषता है जो देश की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। यह करी मुख्य रूप से कालीमार (सामुद्रिक मछली) से बनाई जाती है और इसमें कई मसाले, सब्जियाँ और कभी-कभी नारियल का दूध भी शामिल होता है। मॉरिशस, जो भारतीय महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप देश है, का इतिहास विभिन्न संस्कृतियों के मिलने से भरा हुआ है। यहाँ भारतीय, फ्रेंच, चीनी, और अफ्रीकी प्रभावों का संगम हुआ है, जिसने कालीमार्स करी को एक अनोखा रूप दिया है। कालीमार्स करी का मूल भारतीय उपमहाद्वीप में है, जहाँ मछली की करी कई प्रकार की होती है। जब भारतीय मजदूरों ने 19वीं सदी में मॉरिशस में आकर काम करना शुरू किया, तो उन्होंने अपने खाद्य पदार्थों और पाक कला के साथ-साथ अपने पारंपरिक व्यंजन भी यहाँ लाए। धीरे-धीरे, इन व्यंजनों में स्थानीय सामग्रियों और तकनीकों का समावेश हुआ, जिसके परिणामस्वरूप कालीमार्स करी का विकास हुआ। संस्कृतिक महत्व कालीमार्स करी केवल एक व्यंजन नहीं है; यह मॉरिशस की संस्कृति और पहचान का एक अभिन्न हिस्सा है। यह करी न केवल घरों में बनाई जाती है, बल्कि त्यौहारों और विशेष अवसरों पर भी परोसी जाती है। मॉरिशस की बहुसांस्कृतिक पहचान के कारण, कालीमार्स करी का हर परिवार में अपना एक विशेष रूप होता है। विभिन्न परिवारों में इसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है, जिसमें अलग-अलग मसाले और सामग्रियाँ शामिल होती हैं। कालीमार्स करी का सेवन अक्सर चावल के साथ किया जाता है, जो एक प्रमुख खाद्य संसाधन है। मॉरिशस में चावल भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है और इसे कालीमार्स करी के साथ खाने से स्वाद और पोषण दोनों ही बढ़ जाते हैं। यह करी परिवार और दोस्तों के साथ साझा किए जाने वाले भोजनों का हिस्सा होती है, जिससे यह सामाजिक एकता को बढ़ावा देती है। विकास और परिवर्तन समय के साथ, कालीमार्स करी में कई परिवर्तन आए हैं। शुरुआत में, यह मुख्यतः भारतीय मसालों और सामग्रियों पर आधारित थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, इसे स्थानीय सामग्री और पाक शैलियों के साथ मिश्रित किया गया। उदाहरण के लिए, मॉरिशस में उगने वाली सब्जियाँ, जैसे बैंगन, टमाटर और आलू, करी में शामिल की जाने लगीं। इसके अलावा, नारियल का दूध भी एक लोकप्रिय घटक बन गया, जिससे करी की क्रीमी टेक्सचर और स्वाद में गहराई आई। कालीमार्स करी की विशेषता यह है कि इसमें विभिन्न प्रकार की मछलियाँ भी उपयोग की जा सकती हैं। जबकि कालीमार इसके मुख्य घटक हैं, कई लोग इसे अन्य समुद्री जीवन जैसे झींगे या मछली के साथ भी बनाने लगे हैं। यह बदलाव न केवल स्थानीय संसाधनों के उपयोग को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि मॉरिशस के लोग अपने खाद्य प्रथाओं में कितने लचीले हैं। आधुनिक युग में कालीमार्स करी आज के समय में, कालीमार्स करी न केवल स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय है, बल्कि यह पर्यटकों के बीच भी एक प्रसिद्ध व्यंजन बन गई है। मॉरिशस में यात्रा करने वाले लोग इस करी का स्वाद लेना नहीं भूलते। कई रेस्तरां और कैफे इसे अपने मेन्यू में शामिल करते हैं, और कई बार इसे फ्यूजन व्यंजनों के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है, जैसे कि कालीमार्स करी पिज्जा या कालीमार्स करी पास्ता। इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से, कालीमार्स करी की रेसिपी और तैयार करने के तरीके अब वैश्विक स्तर पर साझा किए जा रहे हैं। यह मॉरिशस की संस्कृति को दुनिया भर में प्रस्तुत करने का एक शानदार अवसर है। कई खाद्य ब्लॉगर और यूट्यूबर्स इस करी को बनाने की विधि साझा कर रहे हैं, जिससे इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ रही है। निष्कर्ष कालीमार्स करी केवल एक साधारण व्यंजन नहीं है, बल्कि यह मॉरिशस की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसके इतिहास में भारतीय, फ्रेंच, और स्थानीय प्रभावों का समावेश इसे एक अनोखा स्वाद देता है। यह करी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि यह सामाजिक जुड़ाव और सांस्कृतिक पहचान को भी प्रदर्शित करती है। जैसे-जैसे मॉरिशस आगे बढ़ रहा है, कालीमार्स करी भी विकसित हो रही है, और यह अपने समृद्ध इतिहास और विविधता के साथ आगे बढ़ती रहेगी। कालीमार्स करी का स्वाद, इसकी खुशबू, और इसकी रेसिपी मॉरिशस की पहचान में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह हर परिवार की रसोई में एक खास जगह रखती है और मॉरिशस की सांस्कृतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस करी के माध्यम से हम न केवल मॉरिशस की खाद्य संस्कृति को समझ सकते हैं, बल्कि इसके पीछे की कहानियों और परंपराओं को भी जान सकते हैं।

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