brand
Home
>
Foods
>
Escargot

Escargot

Food Image
Food Image

एस्कारगोट, जिसे हिंदी में घोंघा कहा जाता है, फ्रांस का एक प्रख्यात और पारंपरिक व्यंजन है। यह विशेष रूप से अपनी अनोखी तैयारी और स्वाद के लिए जाना जाता है। एस्कारगोट का इतिहास बहुत पुराना है, और इसकी उत्पत्ति प्राचीन समय से मानी जाती है। फ्रांसीसी संस्कृति में, एस्कारगोट का सेवन विशेष अवसरों पर किया जाता है, और यह एक विशेषता के रूप में देखा जाता है। यह व्यंजन फ्रांस में 18वीं शताब्दी से लोकप्रिय हुआ, और तब से यह फ्रांस के उच्च व्यंजनों का हिस्सा बना हुआ है। एस्कारगोट का मुख्य घटक घोंघा होता है, जो आमतौर पर खेतों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के घोंघों से लिया जाता है। इनमें से सबसे प्रसिद्ध घोंघा है 'हेलिक्स पॉन्टिका', जो अपने मांसल और स्वादिष्ट शरीर के लिए जाना जाता है। एस्कारगोट को खाने के लिए पहले घोंघों को ठीक से साफ किया जाता है, और फिर उन्हें पकाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इस व्यंजन की तैयारी में कुछ प्रमुख सामग्री का उपयोग किया जाता है, जिनमें मक्खन, लहसुन, और हर्ब्स शामिल हैं। आमतौर पर, घोंघों को पहले उबालकर साफ किया जाता है, फिर इन्हें मक्खन, लहसुन, और हर्ब्स जैसे अजवाइन, थाइम, और पार्सले के मिश्रण में भरा जाता है। इसके बाद, इन्हें ओवन में ग्रिल किया जाता है। यह प्रक्रिया घोंघों को एक विशेष स्वाद और सुगंध प्रदान करती है। एस्कारगोट का स्वाद बहुत ही अद्वितीय होता है। इसका मांस हल्का, नरम और थोड़ा च्यूइ जैसा होता है, और जब इसे लहसुन और मक्खन के साथ मिलाया जाता है, तो यह एक समृद्ध और गहरा स्वाद प्रदान करता है। घोंघा का प्राकृतिक स्वाद हर्ब्स और लहसुन के मिश्रण से बढ़ जाता है, जिससे यह एक लाजवाब अनुभव बन जाता है। फ्रांस में, एस्कारगोट को अक्सर एक ऐपेटाइज़र के रूप में परोसा जाता है, और इसे विशेष रूप से बागेट के साथ खाया जाता है। इसे खाने का एक खास तरीका होता है, जिसमें घोंघों को विशेष चम्मच या कांटे की मदद से निकालकर खाया जाता है। एस्कारगोट न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन है, बल्कि यह फ्रांसीसी संस्कृति और परंपरा का भी एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसके साथ, यह एक ऐसा अनुभव है जो हर खाने के शौकीन के लिए अविस्मरणीय होता है।

How It Became This Dish

एस्कारगोट का इतिहास: एक स्वादिष्ट सफर एस्कारगोट, जिसका अर्थ है 'घोंघा' (snail) फ्रांसीसी भाषा में, एक ऐसा व्यंजन है जो न केवल अपने स्वाद के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी काफी रोचक है। यह व्यंजन विशेष रूप से फ्रांस में लोकप्रिय है, लेकिन इसके अस्तित्व की जड़ें प्राचीन काल में फैली हुई हैं। उत्पत्ति और प्राचीन काल एस्कारगोट का इतिहास प्राचीन काल से शुरू होता है। पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि घोंघे का सेवन मानव जाति द्वारा लगभग 30,000 साल पहले किया गया था। प्राचीन रोम में, घोंघों को एक लोकप्रिय स्नैक के रूप में माना जाता था। रोमन साम्राज्य के दौरान, एस्कारगोट को विशेष रूप से अमीर वर्ग के लोग पसंद करते थे, जो उन्हें विभिन्न मसालों और जड़ी-बूटियों के साथ पकाते थे। रोमियों ने घोंघों को खेतों में पालने की प्रथा को विकसित किया। उन्होंने घोंघों को अलग-अलग प्रकार के भोजन देकर उन्हें मोटा किया और फिर उन्हें भुने हुए या उबले हुए रूप में परोसा। इस समय, एस्कारगोट को एक विशेष व्यंजन माना जाता था, जिसे विशेष अवसरों पर ही परोसा जाता था। मध्यकालीन फ्रांस में एस्कारगोट जब फ्रांस का उदय हुआ, तब एस्कारगोट ने एक नया मोड़ लिया। मध्यकालीन काल में, घोंघों का सेवन न केवल एक भोजन था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक प्रतीक भी बन गया। इस काल में, एस्कारगोट को धार्मिक पर्वों पर विशेष रूप से परोसा जाता था। यह माना जाता था कि घोंघे का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है और इसे विभिन्न औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता था। फ्रांस के ग्रामीण इलाकों में, एस्कारगोट को एक साधारण, लेकिन पौष्टिक भोजन के रूप में देखा जाता था। लोग इन्हें अपने बागों में इकट्ठा करते थे और विभिन्न तरीकों से पकाते थे। इस समय, एस्कारगोट का उपयोग साधारण घरों से लेकर उच्च वर्ग के भोजनों तक में होने लगा। पुनर्जागरण और एस्कारगोट का विकास 15वीं और 16वीं शताब्दी में, जब यूरोप में पुनर्जागरण का युग आया, तब एस्कारगोट ने एक नई पहचान बनाई। इस काल में, फ्रांस की रसोई ने कई नए तकनीकों और स्वादों का परिचय दिया। घोंघों को अब केवल उबालकर नहीं, बल्कि विभिन्न तरीकों से पकाया जाने लगा। इन्हें बटर, लहसुन, और जड़ी-बूटियों के साथ भुना जाने लगा, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ गया। इस समय, फ्रांस में एस्कारगोट का सेवन एक विशेष व्यंजन के रूप में माना जाने लगा। रॉयल भोजनों में इसे शामिल किया जाने लगा और यह एक प्रतीक बन गया कि यह व्यंजन केवल उच्च वर्ग के लोगों के लिए था। आधुनिक युग में एस्कारगोट 19वीं और 20वीं शताब्दी में, एस्कारगोट ने एक वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। फ्रांस के बाहर भी इसे विभिन्न देशों में अपनाया जाने लगा। विशेषकर अमेरिका में, जहां फ्रांसीसी संस्कृति का प्रभाव बढ़ा, एस्कारगोट को एक विशेषता के रूप में देखा जाने लगा। यहां तक कि कई रेस्तरां में इसे एक विशेषता के रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा। इस दौरान एस्कारगोट को विभिन्न प्रकार के मसालों और सॉस के साथ परोसा जाने लगा। लहसुन का मक्खन, हर्ब्स, और पनीर जैसी सामग्रियों के साथ इसका संयोजन इसे और भी स्वादिष्ट बनाता है। एस्कारगोट को अब केवल विशेष अवसरों पर नहीं, बल्कि रोजमर्रा के व्यंजनों में भी शामिल किया जाने लगा। सांस्कृतिक महत्व एस्कारगोट केवल एक व्यंजन नहीं है; यह फ्रांसीसी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। इसे फ्रांस की पहचान के रूप में देखा जाता है। जब भी कोई व्यक्ति फ्रांस यात्रा करता है, तो वह एस्कारगोट का सेवन करना नहीं भूलता। यह व्यंजन फ्रांसीसी भोजन के शौकीनों के लिए एक विशेष अनुभव होता है। एस्कारगोट का सेवन करने की प्रक्रिया भी एक कला है। इसे सही तरीके से परोसना और खाना एक अनुभव है। पारंपरिक रूप से, एस्कारगोट को छोटे-छोटे कटोरे में परोसा जाता है, जिसमें घोंघे को उसके खोल में रखा जाता है और उसके ऊपर लहसुन का मक्खन और जड़ी-बूटियाँ डाली जाती हैं। इसे चाकू और कांटे से खाना होता है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। निष्कर्ष एस्कारगोट का इतिहास एक ऐसा सफर है जो प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक फैला हुआ है। यह न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन है, बल्कि यह फ्रांसीसी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है। इसके विकास ने इसे एक ऐसे व्यंजन में बदल दिया है जिसे आज न केवल फ्रांस में, बल्कि विश्व के कई हिस्सों में पसंद किया जाता है। एस्कारगोट का स्वाद और इसकी परंपराएँ इसे एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं, जो हर खाने के शौकीन के लिए अविस्मरणीय होती है। इस प्रकार, एस्कारगोट एक ऐसा व्यंजन है जो न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इसे और भी खास बनाती है।

You may like

Discover local flavors from France