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Pastel de Nata

Pastel de Nata

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पास्तेल डे नाटा, जिसे हम अक्सर पुर्तगाली क्रीम पेस्ट्री के नाम से जानते हैं, एक प्रसिद्ध पुर्तगाली मिठाई है। यह मिठाई विशेष रूप से लिस्बन में लोकप्रिय है और इसके अद्भुत स्वाद और बनावट के कारण इसे दुनिया भर में सराहा जाता है। इसकी उत्पत्ति 19वीं शताब्दी के मध्य में हुई, जब बेलेम के जर्सुइट मठ में भिक्षुओं ने इसे बनाया। मठ के बंद होने के बाद, एक स्थानीय पेस्ट्री शेफ ने इस रेसिपी को अपनाया और इसे एक बेकरी में बेचना शुरू किया। इसके बाद, यह मिठाई तेजी से लोकप्रिय हो गई और पुर्तगाल के बाहर भी फैली। पास्तेल डे नाटा की खासियत इसकी क्रिस्पी बाहरी परत और मलाईदार अंदरूनी भाग है। इसका स्वाद मीठा और थोड़ा क्रीमी होता है, जिसमें वनीला और दालचीनी के हल्के नोट भी होते हैं। जब आप इसे खाते हैं, तो पहले क्रंची पेस्ट्री का अनुभव होता है, इसके बाद अंदर की क्रीम की मुलायम और समृद्धता का। यह मिठाई आमतौर पर नाश्ते या चाय के समय खाई जाती है, और इसे अक्सर दालचीनी या पाउडर चीनी के साथ सजाया जाता है। पास्तेल डे नाटा बनाने की प्रक्रिया काफी दिलचस्प है। सबसे पहले, इसे बनाने के लिए पफ पेस्ट्री का उपयोग किया जाता है, जिसे कई परतों में बेलकर तैयार किया जाता है। यह पेस्ट्री ओवन में डाली जाती है जब तक कि यह सुनहरी और कुरकुरी न हो जाए। इसके बाद, कस्टर्ड मिश्रण तैयार किया जाता है, जिसमें दूध, क्रीम, चीनी, अंडे, और वनीला शामिल होते हैं। इस मिश्रण को पके हुए पेस्ट्री के खोल में डाला जाता है और फिर इसे ओवन में फिर से बेक किया जाता है जब तक कि कस्टर्ड का शीर्ष हल्का भूरा और कारमेलाइज न हो जाए। इसका मुख्य सामग्री में पफ पेस्ट्री, दूध, क्रीम, अंडे, चीनी, और वनीला शामिल हैं। इसके अलावा, दालचीनी एक महत्वपूर्ण तत्व है जो इसके स्वाद को और भी बढ़ाता है। यह मिठाई केवल पुर्तगाल में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में कई देशों में बनाई जाती है, जहां इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। पास्तेल डे नाटा न केवल एक मिठाई है, बल्कि यह पुर्तगाली संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जो इसके समृद्ध इतिहास और परंपराओं को दर्शाता है। जब भी आप पुर्तगाल जाएं, तो इसे जरूर चखें और इसके अद्भुत स्वाद का आनंद लें।

How It Became This Dish

पुर्तगाल का 'पास्तेल डे नाटा' (Pastel de Nata) एक प्रसिद्ध मिठाई है, जो न केवल पुर्तगाल में बल्कि दुनियाभर में लोकप्रिय है। यह एक प्रकार का कस्टर्ड पेस्ट्री है, जो विशेष रूप से इसके क्रीमी, मीठे और हल्के तले हुए स्वाद के लिए जानी जाती है। आइए हम इसके इतिहास, सांस्कृतिक महत्व और समय के साथ इसके विकास की एक दिलचस्प यात्रा पर चलते हैं। उत्पत्ति 'पास्तेल डे नाटा' की उत्पत्ति 18वीं शताब्दी के पुर्तगाल में होती है। इसका जन्म लिस्बन के बेलेम (Belém) क्षेत्र में हुआ, जिसे उस समय का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और धार्मिक केंद्र माना जाता था। कहा जाता है कि यह मिठाई पहले एक बौद्धिक मठ में बनाई गई थी, जिसे 'जेरोनिमोस मठ' (Mosteiro dos Jerónimos) के नाम से जाना जाता है। उस समय, मठ के भिक्षुओं ने अंडे के सफेद हिस्से का उपयोग कपड़े को स्टार्च करने के लिए किया, और अंडे के पीले हिस्से को फेंक दिया। धीरे-धीरे, भिक्षुओं ने इसे एक मिठाई में तब्दील करने का निर्णय लिया, जिससे 'पास्तेल डे नाटा' का जन्म हुआ। इस मिठाई को बनाने की विधि बहुत साधारण थी, जिसमें अंडे, दूध, चीनी और क्रीम का उपयोग किया जाता था। यह मिठाई जल्दी ही स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय हो गई और इसके स्वाद ने सभी का दिल जीत लिया। सांस्कृतिक महत्व 'पास्तेल डे नाटा' न केवल एक मिठाई है, बल्कि यह पुर्तगाल की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है। इसे अक्सर पुर्तगाली संस्कृति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा जाता है। आज भी, जब लोग पुर्तगाल की यात्रा करते हैं, तो 'पास्तेल डे नाटा' का स्वाद लेना उनके यात्रा कार्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा होता है। पुर्तगाल के विभिन्न क्षेत्रों में इस मिठाई के विभिन्न रूप पाए जाते हैं, जो स्थानीय स्वाद और परंपराओं के अनुसार भिन्न होते हैं। यह मिठाई विशेष अवसरों, त्योहारों और समारोहों का हिस्सा बन गई है। खासतौर पर, यह कन्फेक्शनरी दुकानों में एक विशेषता है और इसे अक्सर कॉफी के साथ परोसा जाता है। विकास के चरण 19वीं सदी के मध्य में, 'पास्तेल डे नाटा' ने एक नया मोड़ लिया जब एक स्थानीय बेकरी ने इसे बड़े पैमाने पर बनाना शुरू किया। 'पास्तेल डे बेलेम' (Pastéis de Belém) नामक बेकरी, जो आज भी सक्रिय है, ने इस मिठाई की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया। इस बेकरी ने 'पास्तेल डे नाटा' की एक विशेष रेसिपी विकसित की, जो आज भी गुप्त रखी गई है। इस बेकरी का नाम अब 'पास्तेल डे बेलेम' के रूप में प्रसिद्ध है और यह दुनिया भर के पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बनी हुई है। 20वीं सदी में, पुर्तगाल के बाहर भी 'पास्तेल डे नाटा' की लोकप्रियता बढ़ी। जब पुर्तगालियों ने अन्य देशों में प्रवास किया, तो वे अपने साथ इस मिठाई को लेकर गए। विशेष रूप से, ब्राजील, कैनाडा और अमेरिका में, 'पास्तेल डे नाटा' ने एक नई पहचान बनाई। इन देशों में, इसे स्थानीय सामग्रियों और तकनीकों के साथ मिलाकर नए स्वादों में प्रस्तुत किया गया। वैश्विक प्रभाव 21वीं सदी की शुरुआत में, 'पास्तेल डे नाटा' ने वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। विभिन्न फूड फेस्टिवल, बाजारों और रेस्टोरेंट्स में इसे पेश किया जाने लगा। इसके साथ ही, कई पेस्ट्री शेफ ने 'पास्तेल डे नाटा' को न केवल पारंपरिक रूप में, बल्कि आधुनिक और नवोन्मेषी तरीकों से भी प्रस्तुत किया। दुनिया भर में कई प्रतियोगिताओं में 'पास्तेल डे नाटा' की रेसिपियों को प्रस्तुत किया गया है, जिससे यह मिठाई एक गहरी सांस्कृतिक और कुकिंग की पहचान बन गई है। यह मिठाई अब केवल पुर्तगाली संस्कृति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक मिठाई बन गई है, जिसे हर कोई पसंद करता है। निष्कर्ष 'पास्तेल डे नाटा' एक साधारण मिठाई से शुरू होकर, आज एक वैश्विक पहचान बन चुकी है। इसकी रचना की कहानी, सांस्कृतिक महत्व और विकास की यात्रा इसे एक अद्वितीय खाद्य तत्व बनाती है। यह मिठाई न केवल स्वाद में अद्भुत है, बल्कि यह पुर्तगाली संस्कृति और ऐतिहासिक परंपराओं का भी प्रतीक है। पुर्तगाल की इस विशेष मिठाई ने दुनिया भर में मिठाई प्रेमियों का दिल जीत लिया है। चाहे आप इसे एक पारंपरिक पुर्तगाली बेकरी में खा रहे हों या किसी अन्य देश में, 'पास्तेल डे नाटा' का स्वाद एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है, जो हर बार आपको इसकी ओर खींचता है। पुर्तगाल की इस कस्टर्ड पेस्ट्री का इतिहास और इसके पीछे की कहानी इसे और भी खास बनाती है।

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