Samgyetang
삼계탕, जिसे हिंदी में "सामग्येटांग" कहा जाता है, दक्षिण कोरिया का एक प्रसिद्ध पारंपरिक भोजन है। यह खासकर गर्मियों में खाया जाता है, और इसे सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। यह डिश आमतौर पर युवा मुर्गी, जो कि विशेष रूप से ग्रीष्मकाल में तैयार की जाती है, के साथ बनाई जाती है। इसके इतिहास की बात करें तो, 삼계탕 का उपयोग कोरियाई चिकित्सा में किया जाता था, जहां इसे ऊर्जा बढ़ाने और स्वास्थ्य को सुधारने के लिए एक औषधीय पकवान माना जाता था। 삼계탕 का मुख्य तत्व एक पूरा मुर्गा होता है, जिसे विशेष रूप से तैयार किया जाता है। इसे आमतौर पर चावल, जिंजेर, लहसुन, और कुछ जड़ी-बूटियों के साथ भरा जाता है। इस डिश के लिए चावल को पहले से भिगोया जाता है ताकि वह पकने के दौरान मुर्गे के साथ अच्छी तरह से मिल जाए। पकवान को बनाने की प्रक्रिया में, मुर्गे को पहले अच्छी तरह से धोया जाता है, फिर उसे भरकर, एक बड़े बर्तन में उबाला जाता है। इसे धीमी आंच पर कई घंटों तक पकाया जाता है, ताकि सभी स्वाद और पोषण तत्व एक साथ मिल जाएं। स्वाद की बात करें तो, 삼계탕 में एक अद्वितीय और संतुलित स्वाद होता है। इसका ग्रेवी हल्का और सुगंधित होता है, जिसमें लहसुन और जिंजेर का एक विशेष स्वाद होता है। जब मुर्गा पक जाता है, तो उसका मांस इतना नर्म होता है कि वह आसानी से हड्डियों से अलग हो जाता है। इस डिश को अक्सर हरे प्याज और तिल के बीज से सजाया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। 삼계탕 के कुछ प्रमुख सामग्री में शामिल हैं: युवा मुर्गा, चावल, लहसुन, जिंजेर, ग्रीन ऑनियन, और विभिन्न जड़ी-बूटियाँ जैसे गोटू कोलस और जिंजेर। ये सभी सामग्री एक साथ मिलकर इस डिश को न केवल स्वादिष्ट बनाती हैं, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती हैं। इसे आमतौर पर गर्मागर्म परोसा जाता है, और इसे अक्सर साइड डिश के रूप में किमची के साथ प्रस्तुत किया जाता है। कुल मिलाकर, 삼계탕 एक ऐसा पकवान है जो न केवल कोरियाई संस्कृति में गहरे रूट रखता है, बल्कि इसे सेहत के लिए भी अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसका सेवन करने से व्यक्ति को ऊर्जा मिलती है, और यह एक सुकून देने वाला अनुभव प्रदान करता है, खासकर ठंडी रातों में।
How It Became This Dish
삼계탕 का इतिहास 삼계탕, जिसे हिंदी में "सांगे टांग" के नाम से जाना जाता है, दक्षिण कोरिया का एक प्रसिद्ध व्यंजन है। यह एक प्रकार का चिकन सूप है, जिसमें गहरे स्वाद और पोषण का अद्भुत मेल होता है। इसकी विशेषता है कि इसे विशेष रूप से गर्मियों में बनाया जाता है, जब लोग गर्मी से थक जाते हैं और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह व्यंजन मुख्य रूप से एक युवा मुर्गे (या चिकन) के अंदर गेंहू, जिंजेर, और अन्य जड़ी-बूटियों के साथ पकाया जाता है। 삼계탕 का इतिहास प्राचीन कोरिया तक जाता है। माना जाता है कि इसका उपयोग पहली बार 조선 시대 (जोसेन राजवंश) के दौरान किया गया था, जब इसे सम्राटों और उच्च वर्ग के लोगों के लिए विशेष अवसरों पर तैयार किया जाता था। उस समय, यह व्यंजन केवल अमीरों के लिए उपलब्ध था, लेकिन समय के साथ, यह आम लोगों के बीच भी लोकप्रिय हो गया। संस्कृति में स्थान 삼계탕 का केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि इसकी सांस्कृतिक महत्वता भी है। इसे कोरियाई संस्कृति में सेहत और दीर्घकालिकता का प्रतीक माना जाता है। गर्मियों में इसे खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है, और इसलिए इसे "गर्मी से लड़ने वाला सूप" कहा जाता है। इसके अलावा, यह व्यंजन पारिवारिक मिलनों, त्योहारों और विशेष अवसरों पर भी बनता है। कोरियाई लोग इसे न केवल खाने के लिए, बल्कि अपनी पारिवारिक परंपराओं को बनाए रखने के लिए भी बनाते हैं। कई परिवारों में, 삼계탕 बनाने की प्रक्रिया एक पारिवारिक रिवाज बन गई है, जिसमें सभी सदस्य मिलकर इसे तैयार करते हैं। यह एक ऐसा समय होता है जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर इस विशेष व्यंजन का आनंद लेते हैं। पकाने की विधि 삼계탕 बनाने की प्रक्रिया में विभिन्न सामग्रियों का ध्यानपूर्वक चयन किया जाता है। मुख्य सामग्री में एक पूरा चिकन, जो कि आमतौर पर एक युवा मुर्गा होता है, और अन्य सामग्री जैसे कि गेंहू, जिंजेर, लहसुन और जड़ी-बूटियाँ शामिल होती हैं। चिकन को पहले अच्छी तरह से साफ किया जाता है, और फिर इसे गेंहू और जड़ी-बूटियों के साथ भरकर उबाला जाता है। यह सूप न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। चिकन प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जबकि जड़ी-बूटियाँ और गेंहू शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं। सूप की गर्माहट से शरीर को ताजगी मिलती है, खासकर गर्मियों में, जब थकान और कमजोरी महसूस होती है। विकास और आधुनिकता दक्षिण कोरिया में 삼계탕 का विकास समय के साथ हुआ है। पहले यह केवल विशेष अवसरों पर बनता था, लेकिन अब यह हर घर में आम हो गया है। आजकल, कई रेस्टोरेंट और कैफे में इसे मेन्यू में शामिल किया गया है, जिससे अधिक से अधिक लोग इस व्यंजन का अनुभव कर सकते हैं। साथ ही, आधुनिकता के चलते, कुछ लोग इसे अपनी विशेषताओं के अनुसार बदलने लगे हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग इसमें अतिरिक्त मसाले या हर्ब्स डालते हैं, जबकि कुछ इसे शाकाहारी विकल्पों में भी ढालने की कोशिश कर रहे हैं। स्वास्थ्य लाभ 삼계탕 को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह सर्दी और बुखार के समय में भी राहत प्रदान करता है। कोरियाई चिकित्सा पद्धति में, इसे एक औषधीय भोजन के रूप में देखा जाता है। जब शरीर थका हुआ होता है या कमजोरी महसूस कर रहा होता है, तो 삼계탕 का सेवन करने से व्यक्ति को ताजगी और ऊर्जा मिलती है। निष्कर्ष 삼계탕 केवल एक व्यंजन नहीं है, बल्कि यह दक्षिण कोरिया की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके स्वाद, स्वास्थ्य लाभ और सांस्कृतिक महत्व के कारण, यह न केवल कोरिया में बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया है। इस व्यंजन का आनंद लेना न केवल एक भोजन का अनुभव है, बल्कि यह कोरियाई संस्कृति और परंपराओं के प्रति एक सम्मान भी है।
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