brand
Home
>
Foods
>
Karaage (から揚げ)

Karaage

Food Image
Food Image

から揚げ, जिसे जापानी में 'कुरागे' कहा जाता है, एक प्रसिद्ध जापानी व्यंजन है जो मुख्य रूप से तले हुए चिकन के टुकड़ों से बनाया जाता है। इसके इतिहास की बात करें, तो यह व्यंजन जापान में 20वीं सदी के मध्य में लोकप्रिय हुआ। हालांकि, इसका मूल चीन के तले हुए चिकन के व्यंजनों से लिया गया है। जापान में, इस व्यंजन को अपने विशेष मसालों और तैयारी के तरीके के कारण एक अनोखा स्थान मिला है। इस व्यंजन का स्वाद अद्वितीय होता है। कुरागे का बाहरी हिस्सा कुरकुरी और सुनहरी होती है, जबकि अंदर का चिकन नरम और रसदार होता है। इसका स्वाद मुख्य रूप से सोया सॉस, अदरक, और लहसुन के मिश्रण से आता है, जिससे इसे एक गहरा और समृद्ध स्वाद मिलता है। इसे आमतौर पर चावल या सलाद के साथ परोसा जाता है, और कभी-कभी इसे नींबू के टुकड़ों के साथ भी सजाया जाता है, जो इसे एक ताजगी भरा अनुभव प्रदान करता है। कुरागे बनाने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण कदम होते हैं। सबसे पहले, चिकन को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। फिर, इसे सोया सॉस, अदरक, लहसुन, और कभी-कभी साकी और मिरिन जैसे अन्य सामग्री में मैरीनेट किया जाता है। यह मैरिनेशन चिकन को न केवल स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि इसे नरम भी करता है। कुछ समय बाद, मैरिनेटेड चिकन को मैदा या कॉर्नस्टार्च में लपेटा जाता है, जो इसे कुरकुरी परत देने में मदद करता है। फिर, चिकन के टुकड़ों को गर्म तेल में तला जाता है। इसका सही तापमान और समय आवश्यक होते हैं ताकि चिकन अंदर से अच्छी तरह पका रहे और बाहर से कुरकुरी हो जाए। तले हुए कुरागे को आमतौर पर पेपेरिका या काली मिर्च के साथ छिड़ककर परोसा जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। कुरागे को जापान के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से बनाया जाता है, लेकिन इसकी मूल विशेषताएं हमेशा बरकरार रहती हैं। यह न केवल जापान में, बल्कि दुनिया भर में जापानी खाद्य संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इसकी लोकप्रियता और स्वाद के कारण, इसे अक्सर बारबेक्यू, पिकनिक, और अन्य सामाजिक समारोहों में परोसा जाता है। इसके साथ ही, यह एक अद्भुत स्नैक के रूप में भी लोकप्रिय है।

How It Became This Dish

कुरागे का इतिहास जापान का कुरागे (から揚げ) एक लोकप्रिय व्यंजन है, जिसे आमतौर पर चिकन या मछली के टुकड़ों को मैरिनेट करके और फिर गहरी तली हुई अवस्था में परोसा जाता है। इसका इतिहास सदियों पुराना है, लेकिन इसकी आधुनिक पहचान 20वीं सदी में विकसित हुई। यह व्यंजन न केवल जापानी भोजन में एक विशेष स्थान रखता है, बल्कि यह जापान के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उत्पत्ति कुरागे का विकास जापान में विभिन्न प्रकार के तले हुए खाद्य पदार्थों से हुआ है। इसका मूल विचार चीनी व्यंजन से प्रभावित है, जो जापान में व्यापारिक संपर्कों के माध्यम से आया। 16वीं शताब्दी में, जब जापान ने बाहरी दुनिया के साथ संपर्क बढ़ाया, तब चीनी और कोरियाई तले हुए खाद्य पदार्थों का प्रभाव जापानी भोजन पर पड़ा। संस्कृति में महत्व जापानी संस्कृति में, कुरागे को न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में देखा जाता है, बल्कि यह पारिवारिक और सामुदायिक समारोहों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अक्सर त्योहारों, पारिवारिक मिलनों, और पिकनिक में परोसा जाता है। इसके अलावा, यह जापान के सड़कों पर बिकने वाले फास्ट फूड में भी प्रमुख स्थान रखता है। विकास का काल 20वीं सदी के मध्य में, कुरागे ने अपनी पहचान बनाई जब इसे विभिन्न प्रकार की सामग्रियों और मसालों के साथ प्रयोग किया जाने लगा। खासकर, 1950 के दशक में, जब जापान ने अपने खाद्य उत्पादन में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित किया, तब कुरागे देश भर में लोकप्रिय हो गया। अन्य प्रकार कुरागे के कई रूप हैं, जैसे कि ताराकु (तला हुआ झींगा) और इका (तली हुई मछली)। प्रत्येक प्रकार की अपनी विशेषता होती है, और यह विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, कुछ क्षेत्रों में इसे हल्का स्पाइसी बना कर परोसा जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर इसे मीठा और कुरकुरा किया जाता है। पारंपरिक विधि कुरागे बनाने की पारंपरिक विधि में, चिकन को सोया सॉस, अदरक, और लहसुन के साथ मैरिनेट किया जाता है। इसके बाद, इसे आटे या कॉर्नस्टार्च में लपेटा जाता है और फिर गर्म तेल में तला जाता है। यह प्रक्रिया चिकन को कुरकुरा और स्वादिष्ट बनाती है। आधुनिक प्रभाव आज के युग में, कुरागे ने वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल की है। पश्चिमी देशों में, यह फास्ट फूड के रूप में परोसा जा रहा है, और इसकी विशेषताओं को विभिन्न प्रकार के सॉस और डिप्स के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। जापानी रेस्तरां में इसे एक विशेष व्यंजन के रूप में देखा जाता है, जो न केवल स्थानीय लोगों बल्कि विदेशी मेहमानों के बीच भी पसंद किया जाता है। स्वास्थ्य पहलू स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी कुरागे पर ध्यान दिया जा रहा है। कई लोग अब इसे हल्का और स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए एयर फ्रायर या ओवन में बनाने लगे हैं। इसके अलावा, इसे विभिन्न प्रकार की सब्जियों और सलाद के साथ परोसा जा रहा है, जिससे यह एक संतुलित भोजन बन जाता है। समाज में स्थान कुरागे का जापान के समाज में विशेष स्थान है। यह न केवल एक खाद्य पदार्थ है, बल्कि यह जापानी लोगों की एकजुटता और सामूहिकता का प्रतीक भी है। जब परिवार या मित्र एकत्र होते हैं, तो कुरागे अक्सर मुख्य आकर्षण होता है। यह एक ऐसा व्यंजन है जो सभी उम्र के लोगों के बीच समान रूप से पसंद किया जाता है। भविष्य की ओर भविष्य में, कुरागे की लोकप्रियता बढ़ने की संभावना है। इसकी विविधता और अनुकूलता के कारण, यह नए स्वादों और सामग्रियों के साथ प्रयोग किए जाने का अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, वैश्वीकरण के चलते, इसे विभिन्न देशों के व्यंजनों में शामिल किया जा सकता है, जिससे इसकी पहचान और भी विस्तृत हो सकती है। कुल मिलाकर, कुरागे का इतिहास और विकास जापानी संस्कृति और समाज के विकास के साथ जुड़ा हुआ है। यह न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन है, बल्कि यह सांस्कृतिक पहचान और सामूहिकता की भावना का भी प्रतीक है।

You may like

Discover local flavors from Japan